Sunday 29 March 2009

शाहरुख़ मेरे दृष्टिकोण से......


भारत का सुपरस्टार शाहरुख़ खान.... १९८८ मैं दूरदर्शन पर एक सीरियल आया करता था जिसका नाम था फौजी। हर बुधवार की रात सांय ८ बजे उसका प्रसारण होता था। मैं उस समय आठवी कक्षा मैं पढ़ रह था। उन दिनों मैं जल्दी सोने चला जाता था, क्योंकि सुबह स्कूल जल्दी जाना होता था। मुझे याद है की उस सीरियल मैं एक chracter  था जिसका तकियाकलाम था ... I say chaps.. वो कलाकार कहाँ गया किसी को नहीं मालूम, पर उसी सीरियल मैं एक बहुत साधारण सा दिखने वाला एक लड़का था- शाहरुख़, जोकि आगे चलकर किंग खान बना।

मैं टेलिविज़न का शुरू से ही बहुत शौकीन रहा हूँ। मुझे अब भी याद है जब हमारा पहला टेलिविज़न आया था, हम लोग शाम सात बजे से टीवी देखना शुरू कर देते थे और कृषि दर्शन जैसे कार्यक्रम जोकि हमारे पल्ले बिल्कुल भी नहीं पढ़ते थे, उन्हें भी बड़े चाव से देखते थे। वैसे भी हमारा देश एक कृषि प्रधान देश हैं और हम सब को कृषि दर्शन देखना अनिवार्य होना चाहिए ।

चलिए वापस आते है शाहरुख़ किंग खान पर, वो भी मेरे नजरिये से..... सच कहूं तो मुझे शाहरुख़ कुछ ख़ास नहीं लगा था, और एक साल तक शाहरुख़ का कुछ आता पता भी नहीं लगा। उसके बाद एक और सीरियल आया जिसका नाम थे सर्कस। मुझे वो सीरियल कुछ ख़ास पसंद नहीं था, और ना ही मुझे यह समझ आता था, की सब लोग शाहरुख़ को इतना चढा क्यों रहे थे। खैर जो भी हैं, शाहरुख़ को पहचान उसी सीरियल से मिली और शायद पहली फ़िल्म भी, शायद दीवाना। बहुत से लोगो के नहीं मालूम है की शाहरुख़ ने दीपा साही के साथ एक सीरियल किया था जिसका नाम था .....IDIOT -अहमक...... उस सीरियल मैं मुझे शाहरुख़ की एक्टिंग अच्छी लगी थी।

उसके बाद मैंने जब दसवी कक्षा पास करी तो, सिनेमा हाल मैं पिक्चर लगी थी जिसका नाम था ....बाजीगर। उन दिनों फिल्मों की मार्केट खस्ता हाल ही थी, और फिल्म ज्यादा पिट ही रही थी। मैं अपने दोस्तों के साथ सिटी हाल मैं गया। और मुझे फ़िल्म वाकई अच्छी लगी, तब मुझे जरूर लगा की यह हीरो चलेगा। मेरे ख्याल मैं किसी भी हीरो का चलना इस पर बहुत निर्भर करता है की .....क्या वो हमारे ही जैसा है या नहीं ? यह तो सब जानते है की फिल्म समाज का दर्पण होती हैं। हम फिल्मों मैं वही सब कुछ देखना चाहते है जो हम अपनी निजी ज़िन्दगी के साथ मैच कर सके। शाहरुख़ मेरी नज़र मैं बहुत हद तक उस छवि पर उतरता था - next door neighbour वाली।

उसके पश्चात मुझे याद है तो वह है - तुझे देखा तो यह जाना सनम,.... मेरे ख़याल मैं यह वही गाना था जिसने शाहरुख़ का नाम बच्चे बच्चे की जुबान पे चढा दिया। तब तक मैं कॉलेज मैं आ चुका था और मेरे भी दिल मैं प्यार की पींगे बढ़ने लगी थी। मैंने कभी दिलवाले पूरी तो नहीं देखी, पर मुझे गाना पसंद आया था। उसके बाद मैं औरंगाबाद नौकरी के लिए चला गया। १९९८ मैं कुछ कुछ होता है रिलीज़ हुई, मैं अपने सहकर्मियों के साथ वो फ़िल्म देखने गया था। सारी स्त्रियों को वो फ़िल्म अत्यधिक पसंद आई, पर मुझे तो ठीक ठाक ही लगी।

मेरी नज़र मैं आमिर हमेशा ही एक पूर्ण कलाकार रहा है और उसके अभिनय मैं ज्यादा विविधता भी हैं। लेकिन वक़त गुजरता रहता है और फिल्म भी आती रहती हैं। एक बार मैं हमारे एक जानने वाले जो देहरादून मैं रहते है, उनके घर गया। वहां मैं और बोनी  .... कभी खुशी कभी ग़म देखने लगे। वो पिक्चर फुल एंड फुल मनोरंजन थी, power packed performance। . उस दिन मुझे पहली बार शाहरुख़ के अभिनय मैं कुछ ख़ास लगा, खासकर के उसकी कॉमेडी।
२००३ मैं इंग्लैंड आ गया। हम भारतीय फिल्म देखने और उसके बारे मैं विचार विमर्श करने मैं अपना अच्छा खासा समय व्यतीत करते हैं। विदेश मैं रह कर हिन्दी फिल्में अपने देश से जुड़े रहने एक अच्छा माध्यम हैं। इसलिए जब कल हो न हो रिलीज़ हुई तो हमने फटाफट देख डाली। फ़िल्म अच्छी थी और मनोरंजन से भरपूर थी और किंग खान की अदाकारी काबिले तारीफ़। मैं भले ही किंग खान का कट्टर प्रशंशक नहीं था पर कायल जरूर हो गया।

क्योंकि मैं शाहरुख़ की सारी फिल्में नहीं देखता हूँ, इसलिए उसके बाद मुझे चक दे इंडिया की ही याद हैं। फिल्में सिर्फ़ अच्छे अभिनय या कहानी के दम पर ही नहीं चलती हैं, हित होने के लिए पूरा पैकेज चाहिए। चक दे बहुत ही अच्छी फ़िल्म थी और मैं काफी हद तक भावुक भी हो गया था।

अंत मैं यही कहूँगा, शारुख हमारी पीढी के बेहतरीन अद्कारो में से है। मेर पसंदीदा तो आमिर ही है, लेकिन शारुख के अभिनय में भरपूर मनोरंजन है। वो कहते है ना by the people, for the people.That's what Shahrukh is...

3 comments:

  1. शाहरुख के राजनैतिक भविष्य की नींव रख दी गयी है! जय हो! :)

    ReplyDelete
  2. कोम्प्लेतेली अग्री विथ यू सार

    ReplyDelete
  3. Very well written Gaurav. I would like to add that Shahrukh also represented the guy who made it big with no bollywood background and made it on his own terms. But off late his arrogance, his off screen remarks especially against fellow actors as well as Big B did leave a bad taste..

    ReplyDelete

WELCOME

Please leave a note if you like the post.
Thanks