आजकल इंग्लैंड में महिला क्रिकेट का आयोजन चल रह है। ऐसा पहली बार हो रहा है की पुरुषों और महिला प्रतिस्पर्धा साथ साथ आयोजित की गयी है। हमारा समाज चाहे वो पश्चिम या पूरब हो, खेल प्रतिस्पर्धाओं में अभी भी पुरूष प्रधानता का डंका बजता है। इक्के दुक्के क्रीडाओं को छोड़ दिया जाए तो महिला एवं पुरूष खेलो के प्रचार और प्रसारण में जमीन आसमान का अन्तर है। परन्तु अब ऐसा प्रतीत होने लगा है की अब समय आ गया है इस भ्रान्ति और पक्षपात पूर्ण रवैये को दूर करने का। इसी के चलते हमारी मित्र मंडली ने यह निश्चय किया की १३ जून को होने वाले भारत पाकिस्तान के मुकाबले में महिलाओं का हौंसला बढ़ाने के लिए हम taunton जायेंगे।
विश्व कप के इतिहास में अब तक पाकिस्तान भारत को हराने में असफल रहा है और पाकिस्तान के टीम अपना पहला मैच श्री लंका से हार भी चुकी है। भारत भी अपना पहला मैच इंग्लैंड से १० विकेट से हार गया थे, परन्तु भारतीय क्रिकेट टीम में जुझारू खिलाड़ी है और झूलन गोस्वामी इस समय की सबसे तेज गेंदबाज मानि जाती है। मिताली राज के नाम टेस्ट मैच में दोहरा शतक लगाने का कीर्तिमान है और अंजुम चोपडा अपने तकनिकी सुदृढ़ता के लिए जानी जाती है और उनकी तुलना डेविड गोवेर से की जाती है।
मैच की शुरुआत में ही भारत ने पाकिस्तान पर अपना दबदबा बना लिया और उनके पाँच विकेट सस्ते में निकाल दिया। प्रियंका रोय ने शानडर
बोलिंग करते हुए पाकिस्तान के पांच विकेट निकाल कर पूरी टीम को सिर्फ ७५ रनों पर आउट कर दिया. भारत की बल्लेबाजी की शुरुआत अच्छी नहीं हुई और पूनम राउर पहले ही ओवर में रन आउट हो गयी. भारत ने भी अपने पहले ३ विकेट सस्ते में गँवा दिए परन्तु उसके पश्चात अंजुम चोपडा ने एक जिम्मेदार पारी खेलते हुए भारतीय टीम यानि की चक दे गिर्ल्स की नय्या पार लगाये और सेमी finals तक पहुँचने का रास्ता सरल बना दिया.महिला क्रिकेट धीरे धीरे प्रसिद्दि प्राप्त कर रह है और वो दिन दूर नहीं, जब महिलाओं के मुकाबले भी उतने ही चाव से देखे जायेंगे जैसे की पुरुष क्रिकेट के.
हम होगें कामयाब एक दिन........॥अभी समय लगेगा....लेकिन फिर भी बेहतर खेल रही है भारतीय टीम।
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